Essay on market in Hindi | बाजार पर हिंदी निबंध [सब्जी मंडी]।

नमस्कार दोस्तों आज मे आपकेलिए सब्जी मंडी पर हिन्दी निबंध लेकर आया हु, इस निबंध मे मेने गाव के बाजार मे बिताए हुए एक घंटे का वर्णन किया हुआ हे। तो चलिए निबंध शुरू करते हे।

Image of vegetable in market

बाजार पर हिन्दी निबंध।

शनिवार की शाम का वक्त था और मेरी माँ ने कल हमारे गाव के सब्जी मंडी से सब्जिया लाने का नियोजन किया था। सभी के माँ की तरह बाजार से सब्जी खरीदना मेरी माँ केलिए कोई नई बात नहीं थी। कल बाजार मे जाने का निर्णय करने के बाद माँ ने कल क्या-क्या समान और कॉनसी सब्जी लानी है उसकी एक सूची तैयार की। मे वही पास मे बैठकर टीव्ही देख रहा था, तभी अचानक मेरी माँ ने मुझसे कल उनके साथ बाजार आने को कहा, ताकि मुझे भी सब्जिय कैसे लेनी है उसकी जानकारी हो सके। कल रविवार होने के कारण मेरे पाठशाला को छुट्टी थी और मुझे भी कोई काम नहीं था, तो मे भी कल माँ के साथ सब्जी मंडी मे जाने केलिए मान गया।

माँ ने सुबह जल्दीसे घर के सारे काम कर लिए, और मुझे अपने साथ सब्जी मंडी ले आई। में अभी सही से बाजार में पहुंचा भी नही था और वाह इतनी भीड़ थी, और काफी शोर था। में सब्जी बेचने वाले दुकानदारों की आवाज बाहर से ही सुन पा रहा था। सब्जी मंडी के अंदर दाखिल होने केलिए एक बड़ा प्रवेश द्वार था जहा गाड़ियों का जाना माना था, लोग केवल चल कर ही अंदर सब्जियां खरीदने केलिए जा सकते थे।

जैसे ही में मेरी माँ के साथ प्रवेश द्वार के अंदर पहुंचा मां ने बताया कि यह मंडी दो हिस्सो मे बट्टी हुई है, एक शाकाहारी और दूसरा मांसाहारी। बाजार का मुख्य हिस्सा शाकाहारी सब्जियां तथा फूल और फलों से भरा पड़ा था। शाकाहारी खरीदने वाले लोग काफी मात्रा में होने के कारण यहां काफी भीड़ हुआ करती है, और हमारे गांव के लोग रोजाना यही अपनी सब्जियां खरीदने आते है।

मां ने अपनी सूची देखी और और सूची के अनुसार सब्जियां ढूंढने लगी। सब्जियों की दुकानों पर किसी भी तरह के विज्ञान नहीं थे, जिसे जो सब्जी चाहिए वो बस दुकान देखकर सब्जी खारदीने के लिए जाता था। मुझे रोजाना इस्तमाल किए जाने वाली सब्जियों की जानकारी थी, लेकिन मुझे सारी पत्तीदार सब्जियां एक समान लगती थी। पर ऐसा नहीं था, मां ने मुझे जो पत्तेदार सब्जी हमारी सूची में थी उसकी जानकारी देते हुए उसे कैसे पहचाना है उसकी जानकारी दी।

बाजार का दृश्य काफी रोमांचक भरा था। सब्जी विक्रेता अपनी सब्जियां बेचने केलिए काफी जोर-जोर से अपनी सब्जियो के बारे में बोल रहे थे। और ये बोल कर वे लोगो को विश्वास दिला रहे थे की उनकी सब्जियां औरों से ताज़ा और सबसे अच्छी है। सभी लोग बाजार में सब्जियां बेचने केलिए काफी मेहनत और मशागत कर रहे थे। दुकानदारोने अपनी सारी सब्जियों को काफी अच्छे से जागा का इस्तमाल करते हुए एक के ऊपर एक सजा कर रक्खा हुआ था। सब्जियां बोरियों में भरकर बाजार में ट्रक द्वारा लाई जाती थी, ट्रक बाजार के बाहर लगे हुए थे, जहासे दुकानदार सब्जियों से भरी बोरी उठाकर अपनी दुकानों पर ले आते थे, क्योंकि बाजार के अंदर गाड़ियों के प्रवेश पे पाबंदी थी।

में एक तरफ बाजार का अवलोकन कर रहा था तो दूसरी तरफ हमारी सूची के अनुसार सब्जियां खरीद रहा था। हमारी थैलियां भर गई और सूची भी पूरी हो गई, मां ने मुझे मोल तोल कर सब्जियां कैसे लेनी है वह सिखाया। मेने लगभग बाजार में एक घंटा बीता दिया था, इस एक घंटे में मुझे काफी अच्छा अनुभव मिला, और मुझे पता चला लोग जीने केलिए कितनी मेहनत करते है।

फिर हम हमारी सब्जियों की थैलियां लेकर घर पहुंचे, सब्जी मंडी में घूमकर में काफी थक गया था पर मां ने तो आते ही अपने घर के काम शुरू कर दिए, और फिर हमने खाने में ताजी सब्जियां खाई वे आज इतनी मेहनत के बाद काफी स्वादिष्ट लग रही थी।

समाप्त।

दोस्ती क्या आप कभी सब्जी मंडी में सब्जियां खरीदने केलिए गए है? और आपका बाजार में कैसा अनुभव था? हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताना।

बाजार पर यह निबंध class १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९ और १०वी के छात्र अपनी पढ़ाई केलिए इस्तमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तमाल कर सकते है।

  • सब्जी मंडी में एक घंटा।
  • बाजार का दृश्य।
  • गांव की सब्जी मंडी।

तो दोस्तो क्या आपको यह निबंध पसंद आया? और अगर आपको कोई और विषय पर हिंदी निबंध चाहिए तो हमे नीचे कमेंट करके जरूर बताइए।

धन्यवाद।

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